शनिवार, 19 मार्च 2011

चंदामामा की बारात जब धरती के करीब आ गई है तो देखिये कैसा है नजारा .........

चंदा मामा की शादी है,
उजली पोशाको में,
तारे सजे बाराती है!
ढोल- नगाड़े- बाजे बजते है,
झुम-झुमकर तालपर बाराती
सब नाचते है !
आतिश अनारों के साथ,
जब फुलझड़ियाँ छूटती है!
झिलमिल रोशनी से
धरती आकाश नहाते है!
सजधज कर युवतियाँ जब,
मटक-मटक कर चलती है,
अनब्याहे यूवाओं के दिल,
धड़क-धड़क जाते है!
पूनम की रात है,
मेहमानोंका स्वागत है,
दुल्हन के घरवाले
दुल्हे वालों को
चांदी की सुराही से
चांदी के प्यालोंमे भर-भर कर
शरबत पिलाते है!
बादल कहार गगन की डोली,
सितारों जड़े घूँघट में
दुल्हन शरमायी!
मंगल धुन बजी शहनाई
चंदा मामा की शादी की
शुभघड़ी है आयी !

22 टिप्‍पणियां:

  1. बड़ी सुंदर मनभावन शादी है यह तो...... बचपन की कहानी सी कविता ......

    रंग पर्व की मंगलकामनाएं

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  2. आदरणीया सुमन जी

    रंग भरा स्नेह भरा अभिवादन !

    बहुत मनभावन है आपकी रचना … पढ़ कर आनन्द आ गया ।
    कल चंदामामा को देख कर सच बहुत अच्छा महसूस हो रहा था …

    और आपने इतनी जल्दी रचना भी लिख कर लगा दी … :) आभार !

    आपको सपरिवार होली की हार्दिक बधाई !


    ♥ होली की शुभकामनाएं ! मंगलकामनाएं !♥

    होली ऐसी खेलिए , प्रेम का हो विस्तार !
    मरुथल मन में बह उठे शीतल जल की धार !!


    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  3. सुन्दर रचना !
    आपको और आपके परिवार को होली की शुभकामनायें !

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  4. सुंदर रचना.... कुछ वर्तनी की त्रुटियां रह गई हैं, कृपया सुधार लें क्योंकि यह आपका भावी रिकार्ड जो है :) होली की शुभकामनाएं॥

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  5. खूबसूरत कल्पना ...सुन्दर अभिव्यक्ति

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  6. खूबसूरत कल्पना, रंग पर्व की मंगलकामनाएं

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  7. भाई जी,
    त्रुटियाँ कुछ हद तक ठीक हुई होगी
    सूधार किया है क्या करे बचपन की आदत
    है ............

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  8. बेहतरीन आलेख। आपके विचार बहुत सुंदर है। मेरी शुभकामनाएं..........

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  9. चंदा की शादी का खूब समां बाँधा है आपने.

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  10. अरे बहुत बढ़िया शादी है ... हम भी आते हैं शामिल होने !

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  11. सुन्दर कविता को पढवाने के लिए मेरी बधाई स्वीकारें

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  12. बेहतरीन आलेख। आपके विचार बहुत सुंदर है।
    रंगपंचमी की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ..

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  13. सितारों जड़े घूँघट में
    दुल्हन शरमायी!
    मंगल धुन बजी शहनाई
    चंदा मामा की शादी की
    शुभघड़ी है आयी !

    क्या गजब है ...बचपन की चन्दा मामा की बहुत सी कवितायेँ याद हो आयीं ...आपका आभार

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  14. बहुत ही सुन्दर... बचपन कि लोरियां याद आ गईं...
    और बड़े होने के बाद आसमा की ओर निहार कर देखे गए सपने ताज़े हो गए...
    शुक्रिया बारात में स्वागत के लिए...

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  15. चन्दा मामा की
    मन भावन शादी की बानगी
    एक सुन्दर काव्य ... !

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  16. बारातियों में हम भी शामिल हैं सुमन जी ......

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