मन मैला और
तन को धोने
चले कुंभ के
मेले में
जहाँ पापों को
मिटाने गए थे
वही एक और
पाप कर आए
गंगा को मैली
कर के ....!
आश्रम में तोड़ फोड़
शिविर में लगाई आग
विरोध के दौरान
थोडा धैर्य रखिए
हो रहा बदलाव ...!
***
तब उस विंडो के सामने
खड़े रहने की थी मनाई
अब इस विंडो के सामने
दिन-रात बैठने आजादी
क्या यह बदलाव नहीं ...?