घिर-घिर कर
आ गए बादल
नील गगन में
काले-काले
छा गए बादल !
सर्द हुए हवा के झोंके
कडाकड़ नभ में
बिजली चमके
तप्त धरा की
प्यास बुझाकर
नदियों में जल भरने
आ गए बादल
छा गए बादल !
वन उपवन में अब
होगी हरियाली
शुक,पीकी मैनायें
नाच उठेंगी
खेत-खलिहानों में
होगी खुशहाली
गाँव-गाँव शहर
अमृत जल बरसाने
आ गए बादल
छा गये बादल !
हरष-हरष कर वर्षा
कुछ ऐसी बरसी
चातक मन तृप्त हुआ
बूंद स्वाति की
मोती बनी
मन के आंगन में
छमाछम छम-छम
बूंदों के नुपूर
खनका गये बादल
बरस गये बादल !
आ गए बादल
नील गगन में
काले-काले
छा गए बादल !
सर्द हुए हवा के झोंके
कडाकड़ नभ में
बिजली चमके
तप्त धरा की
प्यास बुझाकर
नदियों में जल भरने
आ गए बादल
छा गए बादल !
वन उपवन में अब
होगी हरियाली
शुक,पीकी मैनायें
नाच उठेंगी
खेत-खलिहानों में
होगी खुशहाली
गाँव-गाँव शहर
अमृत जल बरसाने
आ गए बादल
छा गये बादल !
हरष-हरष कर वर्षा
कुछ ऐसी बरसी
चातक मन तृप्त हुआ
बूंद स्वाति की
मोती बनी
मन के आंगन में
छमाछम छम-छम
बूंदों के नुपूर
खनका गये बादल
बरस गये बादल !
बहुत सुंदर ...मनोहारी चित्रण...
जवाब देंहटाएंबरसात के मौसम का बहुत अच्छा और मनभावन चित्र खींचा है आपने.
जवाब देंहटाएंसादर
वर्षा का सुन्दर चित्रण
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंबदलते मौसम का सुंदर बयान :)
जवाब देंहटाएंदो दिन से पुरजोर है, झारखण्ड में बारिश |
जवाब देंहटाएंतूफानी अंदाज हैं , करिए जरा सिफारिस |
करिए जरा सिफारिस , बेगम को आना है -
अर्ध-रात्रि के बाद, अभी स्टेशन जाना है |
पर " रविकर" घबरात, नहीं वो इस बारिश से-
गये अगरचे लेट , डरे बेगम के रिस से ||
( आज रात 2 से 4 धनबाद R. S. पर था )
चलिए, गर्मी से राहत मिली..सुनदर चित्रण.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर शब्द प्रयोग आनंद आ गया -
जवाब देंहटाएंमन के आँगन में
छमा -छम छम -छम ,बूंदों के नूपूर ,
खनका गए बादल ,
लो देखो आ गए बादल ।
सुनदर कविता .
बरसात का आगमन होने वाला है ... सुन्दर रचना से स्वागत किया है अओने ...
जवाब देंहटाएंआदरणीया सुमन जी
जवाब देंहटाएंहरष-हरष कर वर्षा
कुछ ऐसी बरसी
चातक मन तृप्त हुआ
बूंद स्वाति की
मोती बनी
बहुत अच्छी कविता...
हम तो पहली बार आपके ब्लॉग पर आये,यह प्रस्तुति अच्छी लगी !
Wah ye kawita sun kar to badal aa hee gaye honge Suman jee. Khoop sunder.
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