अनेक शब्द,
लोक-व्यवहार
के चलते
भले ही अपने
अर्थ, उपयोगिता
खो रहे हो
लेकिन प्रेम
अब भी
ऐसा शब्द है
जिसमे जादू
है ...!
***
किसी से हम
इसलिये प्रेम
करते है कि,
उससे हमारी
सारी मनोकामनायें
पूरी होंगी
तब समझ लेना
हम उससे
प्रेम नहीं
प्रेम करने का
बहाना कर
रहे है ....!
बहुत सुंदर रचनाएँ
जवाब देंहटाएं!प्रेम पर सुंदर अभिव्यक्ति .....!!
जवाब देंहटाएं!प्रेम पर सुंदर अभिव्यक्ति .....!!
जवाब देंहटाएंआपकी यह रचना कल गुरुवार (27-06-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
जवाब देंहटाएंअत्यंत सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
किसी से हम
जवाब देंहटाएंइसलिये प्रेम
करते है कि,
उससे हमारी
सारी मनोकामनायें
पूरी होंगी
तब समझ लेना
हम उससे
प्रेम नहीं
प्रेम करने का
बहाना कर
रहे है ....!
प्रेम की अत्यंत सुंदर परिभाषा.
रामराम.
किसी से हम
जवाब देंहटाएंइसलिये प्रेम
करते है कि,
उससे हमारी
सारी मनोकामनायें
पूरी होंगी
तब समझ लेना
हम उससे
प्रेम नहीं
प्रेम करने का
बहाना कर
रहे है ....!
प्रेम की अत्यंत सुंदर परिभाषा.
रामराम.
बिलकुल सही कहा है ....सुंदर रचनाएँ ।
जवाब देंहटाएंपूर्ण सत्य.
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा है
जवाब देंहटाएंप्रेम की बड़ी सुंदर व्यख्या की है ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता |
जवाब देंहटाएंप्रेम गली अति साँकरी ,जामें दुइ न समाय!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...!
जवाब देंहटाएंयथार्थ चित्रण
जवाब देंहटाएंकिसी को पवित्र, निस्वार्थ व समर्पित भाव से चाहने का अहसास ही सच्चा प्रेम या प्यार है । यही कारण है कि नारी को उसके निश्चल और असीम प्यार के कारण समाज में शक्ति का प्रतिक माना जाता है । प्रेम रस की रचना के लिए बधाई !!
जवाब देंहटाएंप्रेम तो बस प्रेम है । सुंदर कविता ।
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