बारिश भी ,
बड़ी अजीब होती है
कहीं बूंद-बूंद को
मानव तरसे
कहीं
बाढ़ ले आयी ...
कही बारिश
साथ ले आयी किसी की
यादों की सौंधी
गंध
भावना में बह गये
कविता के
छंद ...!
बहुत बढ़िया भाव-
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रवाह-
सादर-
बारिश भी शायद भेदभाव करती है जबकि उसे समान व्यवहार करना चाहिये. नाइंसाफ़ी है ये.
जवाब देंहटाएंरामराम.
कही बारिश
जवाब देंहटाएंसाथ ले आयी किसी की
यादों की सौंधी
गंध
भावना में बह गये
कविता के
छंद ...!
वाह, बहुत ही खूबसूरत शब्द.
रामराम.
बहुत सुन्दर......
जवाब देंहटाएंबह कर हम तक आ पहुंचे....
सादर
अनु
भावना में बह गए कविता के छंद... बहुत सुंदर !!सादर
जवाब देंहटाएंभावना में बह गए कविता के छंद... बहुत सुंदर !!सादर
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुती,अभार।
जवाब देंहटाएंबारिश कविता मेघ की
जवाब देंहटाएंभाव बहे झहराए....
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंप्रवाहमयी सुंदर भाव
जवाब देंहटाएंनिराली है ये बारिश ...
जवाब देंहटाएंआती है तो भेदभाव नहीं करती ...
आज वारिश साथ ले आई किसी की याद को
जवाब देंहटाएंछंद सारे हंस पड़े , महसूस तेरी गंध कर !
वाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंभावना में बह गये कविता के छंद .......क्या बात है सुमन जी ।
जवाब देंहटाएंभावना में बहे छंद ही तो दिल के करीब होते हैं
जवाब देंहटाएंbahut sundar abhivyakti!
जवाब देंहटाएंlatest दिल के टुकड़े
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सुन्दर ..अविरल बहते शब्द ..बधाई
जवाब देंहटाएंलाजवाब
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