जब,
सुबह -सुबह
पत्ते -पत्ते पर
लिख कर
प्रणय छंद
हवा ने
हौले से छुआ
गुलाबी तन
तब,
खिल कर
महक उठा
गुलाब
मेरे आँगन में ....!
सुन्दर,
खुबसूरत
शब्दों से
सामने वालों को
प्रभावित कर,
विद्वत्ता पूर्ण
तर्कों से
उनका मुंह
बंद करना
जितना
आसान है,
उन्ही सुन्दर
शब्दों से उन्ही
विद्वत्ता पूर्ण
तर्कों से,
खुद की
जन्दगी को
खुबसूरत
बना कर
अर्थपूर्ण
बना देना
उतना ही
मुश्किल
काम है … !!