शुक्रवार, 15 जुलाई 2011

मौसम आया है सुहाना .......... (बालकविता)

दूर गगन के टिम-टिम तारे
       मुझसे बोले ....
आओं परियों के देश चले !
       चंदा बोला ...
       चलो चले
बादलों में दौड़ लगायें !
       फ़ूल बोले ....
       बाग़ में आओं
संग हमारे खिलखिलाओ !
       तितली बोली ....
       क्यों न खेले
तुम-हम आँखमिचौली !
        कोयल बोली ....
        छोड़ो पढना
सुर-में-सुर मिलाकर गायें गाना
      मौसम आया है सुहाना !