सोमवार, 21 मई 2012

तितली रानी ......


तितली रानी, तितली रानी
कभी इस डाल पर, कभी उस डाल पर
कभी इस फूल पर, कभी उस फूल पर
उड़ती फिरती हो तुम फुलरानी !
हाथ लगाऊँ तो, पंख फट जाते है
डोर बांधु तो, पाँव टूट जाते है
नाजुक कितनी हो तुम शर्मीली !
दूर घर से तुम कब निकलती हो
कितने सारे रंग तुम बदलती हो
पल-पल छलती हो, तुम जादूगरनी !
तुम आती हो तो, फूल खिलते है
तुम आती हो तो, हम खुश होते है
सब के मन को मोहती हो, 
तुम मनमोहिनी....
तितली रानी, तितली रानी
उडती फिरती हो तुम फुलरानी !