रविवार, 16 सितंबर 2012

भोर हुई ....


भोर हुई 
उठो जागो 
सारे 
नील गगन में 
छुप गए 
तारे !
पूर्व दिशा में 
लाली छाई 
जीवन रस 
छलकाती उषा 
आई !
गुलशन-गुलशन 
फूल है खिले 
पंछी भी चले 
अंबर को छूने !
डाल-डाल पर 
चिड़िया फुदक 
रही है 
ठंडी-ठंडी हवा भी 
गा रही है !
पूजा घर में 
मधुर आरती बोले 
भोर हुई उठो 
जागो सारे !