सोमवार, 17 दिसंबर 2007

मौसम आया है सुहाना

दूर गगन के
टीम-टीम तारे
मुझसे बोले
आओ परियौं के
 देश चले
चन्दा बोला
चलो चले
बादलों में
दौड़ लगाए
फूल बोले
बाग़ में आओ
संग हमारे
खिल खिलाओ
तितली बोली
क्योँ न खेले
तुम हम
आँख मिचोली
कोयल बोली
छोडो पढना
सुर में सुर मिला कर
गायें गाना
मौसम आया है
सुहाना ....!



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