शनिवार, 14 मई 2011

मई का महिना .......


गरमी के दिन 
मई का महिना 
आग उगलता सूरज 
पिघलती सड़क 
भागते दौड़ते लोग 
पसिनेसे तरबतर,
चारों ओर मोटर 
गाड़ियों का शोर 
सुबह से शाम 
निरंतर !
मंजीलों पर मंजील
गगनचुम्बी  इमारते 
छोटे-छोटे घर 
छोटे-छोटे परिवार !
बंद सब खिड़कियाँ 
झांकती नहीं चांदनी 
छत ना आँगन !
कूलर पंखे की घर्र-घर्र 
रातभर,
नींद में डालते खलल 
मच्छर,
घुटनभरी जिन्दगी 
मुश्किल है जीना 
मई का महिना !

13 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

आदरणीय सुमन जी
नमस्कार !
.....सच्चाई को बताती ..उत्तम प्रस्तुति

Sunil Kumar ने कहा…

मई का महीना मौसम के हिसाब से जरुर कुछ गर्म रहता पर सुकून का होता है

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

मुश्किल है जीना
मई का महिना !
बहुत बढ़िया ...मौसम के अनुकूल रचना

रश्मि प्रभा... ने कहा…

oh ...garmi hi garmi...

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

गर्मी का सुंदर चित्रण- बधाई सुमन जी:)

Apanatva ने कहा…

yatharth varnanaapke shahar ka . :)
Janha hum rahte hai barsat hai thanda mousam hai...

Apanatva ने कहा…

yatharth varnanaapke shahar ka . :)
Janha hum rahte hai barsat hai thanda mousam hai...

Apanatva ने कहा…

yatharth varnanaapke shahar ka . :)
Janha hum rahte hai barsat hai thanda mousam hai...

Apanatva ने कहा…

yatharth varnanaapke shahar ka . :)
Janha hum rahte hai barsat hai thanda mousam hai...

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

सुमन जी बहुत सुंदर कविता बधाई |

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

सुमन जी बहुत सुंदर कविता बधाई |

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

सुमन जी बहुत सुंदर कविता बधाई |

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

सुमन जी बहुत सुंदर कविता बधाई |