सोमवार, 30 अप्रैल 2012

हैप्पी वैकेशन ........ { बाल कविता }


चिंताएँ सारी दूर हुई,
परीक्षाएँ भी समाप्त हुई 
पढ़-पढ़ कर इतना बोर हुई 
सिर-दर्द हुआ एजुकेशन 
कल से है हैप्पी वैकेशन !

किताबों ने दिमाग खाया 
टीचरों ने भी जान खायी 
भारी बस्तों से कमर झुकी 
विदा करेंगे सारा टेन्शन 
कल से है हैप्पी वैकेशन !

साथी-सहेलियों के गले मिलेंगे 
गिले-शिकवे सब दूर करेंगे 
आँखे थोड़ी-सी नम करेंगे 
मिल-जुलकर करेंगे सेलिब्रेशन 
कल से है हैप्पी वैकेशन !

तभी टीचर ने कहा अटेंशन 
बच्चों खाओ, खेलो मौज करो 
नाचों,  गाओ या सैर करो 
ढेर सारा होमवर्क देते हुये कहा ....
छुट्टियों में होमवर्क कंप्लीट करो !! 

7 टिप्‍पणियां:

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

वाह सुमन जी..............

बहुत प्यारी भोली भाली रचना.....
:-)

सादर.

Rajesh Kumari ने कहा…

सच में बच्चों को छुट्टी में भी इतना होम वर्क मिल जाता है की उनकी सारी मस्ती पर पानी फिर जाता है ...बहुत सुन्दर प्यारी सी कविता.

मनोज कुमार ने कहा…

हा-हा-हा ...
यानी छुट्टियों में भी छुट्टी हो गई।

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

Pyari Rachna

कुमार राधारमण ने कहा…

छुट्टी ज्यादा कम स्कूल
खेलो-कूदो टेंशन भूल
होमवर्क को मारो गोली
भाव यही छुट्टी का मूल

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

वाह...!
बहुत बढ़िया!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सही है बच्चों का बोझा कुछ समय के लिए उतरा ...