यूँ ही तो कलियाँ फूल बनती हैं.....:-)सुन्दर कविता है दी सादरअनु
सुगंध फैलती रहे ...
बहुत ही सुन्दर मनभावन...:-)
सुबह ही कलियाँ खिलकर फुल बनती है ,बढ़िया अभिव्यक्ति latest post: क्षमा प्रार्थना (रुबैयाँ छन्द )latest post कानून और दंड
प्रकृति के इन भावों को पकडना सहज मन की निशानी है, बखूबी अभिव्यक्त किया आपने, शुभकामनाएं.रामराम.
यूं ही गुलाब खिलते रहें .... आँगन के साथ मन भी महकता रहे ॥
कोमल पवन के साथ झूमते शब्द ... प्रेम की महक लिए ...
बेहतरीन प्रस्तुतिdownloading sites के प्रीमियम अकाउंट के यूजर नाम और पासवर्ड
बेहतरीन प्रस्तुति
वाह, यूं ही खिलते रहें प्रेम के गुलाब आपके आंगन में।
मन हो गुलाब,आंगन सुगंधहो सांस-सांस में प्रणय-छंद
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13 टिप्पणियां:
यूँ ही तो कलियाँ फूल बनती हैं.....
:-)
सुन्दर कविता है दी
सादर
अनु
सुगंध फैलती रहे ...
बहुत ही सुन्दर मनभावन...
:-)
सुबह ही कलियाँ खिलकर फुल बनती है ,बढ़िया अभिव्यक्ति
latest post: क्षमा प्रार्थना (रुबैयाँ छन्द )
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प्रकृति के इन भावों को पकडना सहज मन की निशानी है, बखूबी अभिव्यक्त किया आपने, शुभकामनाएं.
रामराम.
यूं ही गुलाब खिलते रहें .... आँगन के साथ मन भी महकता रहे ॥
यूं ही गुलाब खिलते रहें .... आँगन के साथ मन भी महकता रहे ॥
कोमल पवन के साथ झूमते शब्द ... प्रेम की महक लिए ...
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बेहतरीन प्रस्तुति
बेहतरीन प्रस्तुति
वाह, यूं ही खिलते रहें प्रेम के गुलाब आपके आंगन में।
मन हो गुलाब,आंगन सुगंध
हो सांस-सांस में प्रणय-छंद
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