उमंग उल्लास है मन पर छाया
जगमग -जगमग दीपों का त्यौहार
आया !
मन्मन्दिर में झिलमिल दीप जलाओ,
दीपावली का पावनपर्व मनाओ !
पटाखे फुलझडीयां बहुत ना जलाओ,
पर्यावरण को दूषित होनेसे बचाओ!
रोज शहरोंमे प्रदुषण बढ़ रहा है,
अनेक बिमारियोंसे मानव लड़ रहा है!
मेहनत की कमाई, पॉवर है मनी
बारूद में उडाकर क्यों करे मनमानी !
शान आडम्बर का वेर्थ है ,दिखावा
जीवन है अनमोल सादगीभरा !
हर तीज त्यौहार पर मिठाई मेवा .........
किसी के घर में मुश्किल से जलता
चूल्हा !
हर मौज मस्ती में
जगमग उजियारा
किसी घरमें
दुःख दर्द है अँधियारा !
घर -घर में प्रेम के दीप जलाओ,
सुमन का यह शुभ संदेश पहुँचाओ !!
आई दीवाली जगमग दीप जलाओ !!
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
2 टिप्पणियां:
अच्छा लिखती है आप ..शुक्रिया ..मेरे लिखे को पढने का ..
dhanyavad ranjana ji
एक टिप्पणी भेजें