खट्टे-मीठे इन शब्दों में,
अर्थ मधुर भर लायी हूँ
परख-परख कर इनका
मूल्य लगाओ !
शब्द बेच रहीं हूँ आओ !
अन्तस्तल है सरिता-सागर
भरा भावना का इसमें जल
गीत,कविता है मुक्ता-दल
इसे लायी हूँ चुन-चुनकर
जाँच परख कर तोलो !
क्या पता कल आऊं न आऊं मै
लेना न लेना तुमपर है निर्भर
रूपये पैसे की बात ही, छोड़ो
केवल स्नेह के बदले मोल लेलो
निज ह्रदय में सजाओ आओं !
भाव बेच रहीं हूँ आओं !
अर्थ मधुर भर लायी हूँ
परख-परख कर इनका
मूल्य लगाओ !
शब्द बेच रहीं हूँ आओ !
अन्तस्तल है सरिता-सागर
भरा भावना का इसमें जल
गीत,कविता है मुक्ता-दल
इसे लायी हूँ चुन-चुनकर
जाँच परख कर तोलो !
क्या पता कल आऊं न आऊं मै
लेना न लेना तुमपर है निर्भर
रूपये पैसे की बात ही, छोड़ो
केवल स्नेह के बदले मोल लेलो
निज ह्रदय में सजाओ आओं !
भाव बेच रहीं हूँ आओं !
28 टिप्पणियां:
जबरदस्त ||
बहुत-बहुत बधाई ||
आज 19- 09 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
बहुत सुन्दर भावों की संरचना।
बेहतरीन अभिव्यक्तियों की माला आपकी काव्य रचना अच्छा लगा पढ़कर बधाई
कई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
बहुत सुंदर ...प्रभावित करती पंक्तियाँ
अन्तस्तल है सरिता-सागर
भरा भावना का इसमें जल
गीत,कविता है मुक्ता-दल
इसे लायी हूँ चुन-चुनकर
sundar bhaav.
रोज़ नित नये शब्द बेचने के लिए चली आओ बहन सुमन॥
अन्तस्तल है सरिता-सागर
भरा भावना का इसमें जल
गीत,कविता है मुक्ता-दल
इसे लायी हूँ चुन-चुनकर
जाँच परख कर तोलो !
बहुत खूबसूरत भाव ... अच्छी लगी यह रचना
कल 21/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
रूपये पैसे की बात ही, छोड़ो
केवल स्नेह के बदले मोल लेलो
निज ह्रदय में सजाओ आओं !
vaah,kya baat hai.maza aa gaya padhkar.
बहुत खूब .. सच है स्नेह के बदले स्नेह मिल जाए तो बात ही क्या ...
बेहतरीन !
बहुत सुन्दर कविता !
सुंदर भाव ,अच्छी रचना ।
behtreen rachna.
shabdon ki ek sundar muktaa-mala.
बहुत ही शानदार ...
बढ़िया शब्द/भाव संयोजन... खुबसूरत रचना...
सादर...
बहुत सुंदर रचना है।
बहुत बढिया
भाव के भूखे तो भगवान भी बताए जाते हैं,हमारी तो बिसात ही क्या!
सच है। शब्द का मोल-तोल तो नहीं होना चाहिए, पर व्यापार/लेन-देन होते रहना चाहिए।
शब्दों का बेचना एक नया बिम्ब लिया है आपने बधाई
अन्तस्तल है सरिता-सागर
भरा भावना का इसमें जल
गीत,कविता है मुक्ता-दल
इसे लायी हूँ चुन-चुनकर
जाँच परख कर तोलो !
भावपूर्ण रचना...
♥
बहुत ख़ूब ! स्न्ह के मोल तो भगवान भी बिक जाते हैं … बहुत सुंदर रचना है ………
आपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
waah, bahut hi bhawpurn
navratri kee shubhkamnayen !
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