शनिवार, 10 नवंबर 2012

रात की निस्तब्धता को चीर कर ...


विश्वास
श्रद्धा की 
ज्योति 
ब भी 
गमगाने
लगती है 
तब तुम 
चूपके से 
घर मेरे 
आ जाते हो 
बुझते इन 
दीपों में 
स्नेह तेल
भर जाते हो 
रात की    
निस्तब्धता को 
चीर कर ...

10 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें |
उत्कृष्ट प्रस्तुति पर बधाई ||

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बस यूं ही तेल भरता रहे ....

दीपावली की शुभकामनायें

ग्रीटिंग देखने के लिए कलिक करें |


रश्मि प्रभा... ने कहा…

वाह .... इससे सुन्दर और क्या ...

दीपों के इस शुभ पर्व में मेरी शुभकामना है कि जिस सम्मान की रौशनी के आप अधिकारी हैं,
वह सम्मानित उजाला आपके साथ रहे और यही माँ लक्ष्मी का सही आगमन है और उनकी मुस्कान है ...
उनके पदचिन्ह आपको हमेशा सुख समृद्धि दें
स्नेहिल शुभकामनाओं की जगमगाहट सहित

Amrita Tanmay ने कहा…

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं..

Madan Mohan Saxena ने कहा…

बहुत सराहनीय प्रस्तुति.बहुत सुंदर बात कही है इन पंक्तियों में. दिल को छू गयी. आभार !
बेह्तरीन अभिव्यक्ति .बहुत अद्भुत अहसास.दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये आपको और आपके समस्त पारिवारिक जनो को !

मंगलमय हो आपको दीपो का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
लक्ष्मी की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार..

बेनामी ने कहा…

बहुत सराहनीय प्रस्तुति.बहुत सुंदर बात कही है इन पंक्तियों में. दिल को छू गयी. आभार !
918756046511

बेनामी ने कहा…

Thoda aur accha hota to....
Ramesh
8756046511

Asha Joglekar ने कहा…

बहुत सुंदर सुमन जी । आशा है दीपावली मंगल रही होगी ।

पता नही चिप्पणी गायब क्यूं हो गई पर आप दुबारा लिखेंगी तो अचचा लगेगा ।

कुमार राधारमण ने कहा…

वो जो विश्वास और श्रद्धा है
हृदय की गहराई में
वहीं बसता है
स्नेह का सत्य भी
लिए संबल,डोर रिश्तों की

दिगम्बर नासवा ने कहा…

दीप पर्व में वो आएं तो सफल है दिवाली ...
बहुत खूब ...