बुधवार, 19 जून 2013

एकता का महत्व ....

एक दिन ,
रंगों में बहस छिड़ 
गई कि ,वही  सबसे 
अच्छा रंग है ..
"मै जीवन व आशा का 
प्रतीक हूँ  हरे रंग ने 
दावा किया " ..
"मै आसमान  व समुद्र की 
गहराई का प्रतीक हूँ 
मेरे बिना जीवन में 
शांति ,सुख असंभव है 
नीले  रंग ने दावा किया "...
इस प्रकार से हर रंग 
अपनी-अपनी योग्यता का 
बखान करने लगे ...
इतने मे ,
आसमान  में जोर-जोर से 
बिजली कडाड कडकी 
काले -काले बादल छा गए 
जोर की वर्षा  होने के 
आसार दिखाई देने लगे !
सारे रंग बिखरने के 
डर  से एक दूसरे के 
पास  आने लगे 
एक दूसरे का हाथ 
थाम कर आकाश में 
इन्द्रधनुष बन कर 
दुनिया को एकता का 
पाठ पढ़ा कर 
यह सन्देश देने 
लगे कि ,
हर रंग एक दुसरे के 
बिन अधुरा है .....!!

7 टिप्‍पणियां:

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

अर्थपूर्ण ...बहुत सुन्दर

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

इन्द्रधनुष बन कर
दुनिया को एकता का
पाठ पढ़ा कर
यह सन्देश देने
लगे कि ,
हर रंग एक दुसरे के
बिन अधुरा है .....!!

बहुत ही अदभुत सोच, एकता का संदेश, एक दूसरे का होना कितना सार्थक बन जाता है? इसका बोध कराती सुंदर रचना.

रामराम.

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

रंगों ने हाथ थामे तो इन्द्रधनुष बना..
और सारे रंग मिलकर सफ़ेद हो जाते हैं.....एकाकार...

बहुत प्यारी रचना

सादर
अनु

Ramakant Singh ने कहा…

खुबसूरत एहसास रंगों के माध्यम से

Sarik Khan Filmcritic ने कहा…

बहुत प्यारी रचना
Achchha Topic Chuna Aapne

ichat ने कहा…

सारे रंग मिल कर ही तो बनता है इंद्रधनुष । बोधप्रद भी और सुंदर भी ।

ichat ने कहा…

सारे रंग हाथ में हाथ डालें तो इंद्रधनुष बनता है और जब मिल जाते है तो बनता है सफेद रंग ।