एक दिन ,
रंगों में बहस छिड़
गई कि ,वही सबसे
अच्छा रंग है ..
"मै जीवन व आशा का
प्रतीक हूँ हरे रंग ने
दावा किया " ..
"मै आसमान व समुद्र की
गहराई का प्रतीक हूँ
मेरे बिना जीवन में
शांति ,सुख असंभव है
नीले रंग ने दावा किया "...
इस प्रकार से हर रंग
अपनी-अपनी योग्यता का
बखान करने लगे ...
इतने मे ,
आसमान में जोर-जोर से
बिजली कडाड कडकी
काले -काले बादल छा गए
जोर की वर्षा होने के
आसार दिखाई देने लगे !
सारे रंग बिखरने के
डर से एक दूसरे के
पास आने लगे
एक दूसरे का हाथ
थाम कर आकाश में
इन्द्रधनुष बन कर
दुनिया को एकता का
पाठ पढ़ा कर
यह सन्देश देने
लगे कि ,
हर रंग एक दुसरे के
बिन अधुरा है .....!!
7 टिप्पणियां:
अर्थपूर्ण ...बहुत सुन्दर
इन्द्रधनुष बन कर
दुनिया को एकता का
पाठ पढ़ा कर
यह सन्देश देने
लगे कि ,
हर रंग एक दुसरे के
बिन अधुरा है .....!!
बहुत ही अदभुत सोच, एकता का संदेश, एक दूसरे का होना कितना सार्थक बन जाता है? इसका बोध कराती सुंदर रचना.
रामराम.
रंगों ने हाथ थामे तो इन्द्रधनुष बना..
और सारे रंग मिलकर सफ़ेद हो जाते हैं.....एकाकार...
बहुत प्यारी रचना
सादर
अनु
खुबसूरत एहसास रंगों के माध्यम से
बहुत प्यारी रचना
Achchha Topic Chuna Aapne
सारे रंग मिल कर ही तो बनता है इंद्रधनुष । बोधप्रद भी और सुंदर भी ।
सारे रंग हाथ में हाथ डालें तो इंद्रधनुष बनता है और जब मिल जाते है तो बनता है सफेद रंग ।
एक टिप्पणी भेजें