रविवार, 9 मार्च 2014

मित्र कौन है ?

मित्र ,
रंगबिरंगी  चित्र  
विचित्र  पुस्तके 
न हम उनकी  
अपेक्षाओं  पर 
खरे उतरते है 
न वो हमारी  
तो फिर 
मित्र  कौन  है   ?
अच्छी पुस्तके 
सबसे  सच्चे  मित्र 
जब जी चाहे 
शेल्फ से निकालो 
पढ़ो  रख   दो  !
मित्र  कहाँ पढने देते है 
हर वो जरुरी पन्ना 
जब हम पढना 
चाहते  है  … !!

10 टिप्‍पणियां:

राजीव कुमार झा ने कहा…

बहुत सुंदर.पुस्तक सबसे अच्छे मित्र हैं.

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

शायद इसीलिये पुस्तकों को सबसे अच्छा मित्र कहा गया है, शुभकामनाएं.

रामराम.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

किताबें ही सबसे अच्छा मित्र हैं ... एकाकी जीवन के साथी ... लाजवाब ...

Ranjana verma ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Ranjana verma ने कहा…

पुस्तक से अच्छा कोई दोस्त नहीं...

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

जी.... बिलकुल सही

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

किताबों की दोस्ती और सोहबत से गुलज़ार साहब की एक और नज़्म याद आ रही है..
"ज़ुबाँ से ज़ायका जाता नहीं सफहे बदलने का.."
इण्टरनेट ने उन शेल्फ की जगह विंडोज़ ला खड़ा किया है और अब ई-बुक.. किताबें कितना घुटती होंगी!!
रही बात दोस्तों की, तो
दोस्ती जब किसी से की जाए,
दुश्मनों की भी राय ली जाए!! :)
आसान शब्दों में अच्छी सीख!!

Ramakant Singh ने कहा…

कोई संदेह नहीं पुस्तक सबसे सच्चे मित्र

Satish Saxena ने कहा…

सही है , वैसे क्यों पढने दें ??
मंगलकामनाएं !!

सूफ़ी ध्यान श्री ने कहा…

बहुत खूब आदरणीया .................