सुबह से शाम की
अंधी भाग दौड़
मनुष्य को
इतना दौड़ाती है
इतना दौड़ाती है कि ,
मनचाहा बहुत कुछ
छूट जाता है जिसमे,
और अंत में
सारी दुनिया को
दिखायी देता है
भीतरसे असफल
पर उपरसे एक
सफल व्यक्ति … !
***
आज के इस दौर में
नौकरी और हॉबी
एक पत्नी तो
एक प्रेयसी
एक को मनाये
तो दूजी
रूठ जाती
है … !