गुरुवार, 9 जनवरी 2014

बीते कल को अलविदा कह कर ..

अच्छा था बुरा था 
जैसा भी था बीता 
बीते कल को 
अलविदा कह कर 
आज का कर
स्वागत सत्कार 
संदेह की नज़रों से 
देखने की बजाए 
आईए,उम्मीदों की 
नजरों से देखते है 
एक नए 
भविष्य को … !
   
    

11 टिप्‍पणियां:

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

सुंदर
नव वर्ष की शुभकामनायें !!

राजीव कुमार झा ने कहा…

बहुत सुन्दर .
नव वर्ष की शुभकामनाएँ !!
नई पोस्ट : सांझी : मिथकीय परंपरा

रविकर ने कहा…

बढ़िया प्रस्तुति आदरेया-
आभार-
नव वर्ष की शुभकामनायें --

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

मेरी पिछली पोस्ट कुछ ऐसे ही भाव लिये हुई थी.. बल्कि मैं तो इस कविता से आगे बढकर एक बात कहना चाह्ता हूँ कि जो गुज़र गया और आने वाला है उसपर हमारा वश नहीं.. हमें तो बस आज मिला है.. तो हर आज को एक नये उत्सव की तरह जीना ही ज़िन्दगी है!!
अच्छी कविता!!

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बहुत सुंदर....

Asha Joglekar ने कहा…

Ummeed pe Duniya Kayam hai.
Aapko bhi Nav Varsh ki Shubh kamnaen.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

जरूरी है हर आगत के स्वागत करने का ... बिना शक शुबहा के ...
भाव मय ...

Amrita Tanmay ने कहा…

जीना इसी का नाम है।

रश्मि प्रभा... ने कहा…

उम्मीद में ही मकसद है

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

वाह बहुत खूब

Nisha Thakur ने कहा…

bahut acchhi.