सोमवार, 6 फ़रवरी 2012

माँ कौन देश से आते है सपने ? ( बालकविता )


 माँ....
कौन देश से 
आते है सपने 
कौन देश चल 
देते है सपने !
सबके मन को 
भाते सपने 
मीठी नींद में 
आते सपने !
कभी चाँद-तारों की 
सैर कराते, कभी 
परियों के देश 
लिये जाते !
कभी बीते दिनों की 
खबर सुनाते, कभी
आते दिनों की 
आहट देते !
यहाँ-वहाँ पल में 
पहुंचाते सपने 
माँ ....कौन देश से 
आते है सपने ?
हंसाते- सपने 
डराते-सपने 
रुलाते सपने 
विस्मय-विमुग्ध 
मन को कर जाते 
सपने !

15 टिप्‍पणियां:

कुमार राधारमण ने कहा…

सपना एक संभावना है। इसलिए,ज़रूरी है-चाहे वह अवचेतन मन से ही क्यों न देखा गया हो।

रश्मि प्रभा... ने कहा…

बाल मन की खूबसूरत जिज्ञासा

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत रोचक बाल जिज्ञासा...

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

सपने तो सपने होते हैं
कब होते ये अपने हैं
आंख खुली बिसुरे सपने

Nirantar ने कहा…

kismat waale hote hein
jinke poore hote sapne
nice poem

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत अनुपम ... संवाद ले रूप में लिखी बाल कवितायें अपना प्रभाव छोड़ती हैं हमेशा ...

Unknown ने कहा…

बहुत सुन्दर बाल कविता |

सदा ने कहा…

अनुपम भाव संयोजन ।

Smart Indian ने कहा…

बहुत खूब! कैसा सन्योग है, कभी मैने भी मिलता-जुलता कुछ लिखा था:

सपने कहाँ ले जाते हैं
सपने कहाँ से आते हैं

हक़ीक़त बनाते बस कभी
ख्याली पुलाव पकाते है

कभी सब कुछ लुटाते हैं
और कभी सर्वस्व पाते हैं

सपने मनमौजी होते हैं ...

Rajesh Kumari ने कहा…

vaah kitni tarotaja madhur muskaan bikherti rachna bachchon ke man ka kautuhal.

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

सपने ही जीवन के ताने-बाने बुनते हैं।
अच्छी कविता।

Bharat Bhushan ने कहा…

स्वप्न की क्लिष्ट दुनिया को बहुत सहज तरीके से अभिव्यक्ति दी है. बहुत सुंदर.

mridula pradhan ने कहा…

bahut saral-sunder.

pooja ने कहा…

bahut badhiya

Kunwar Kusumesh ने कहा…

महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें.