माँ....
कौन देश से
आते है सपने
कौन देश चल
देते है सपने !
सबके मन को
भाते सपने
मीठी नींद में
आते सपने !
कभी चाँद-तारों की
सैर कराते, कभी
परियों के देश
लिये जाते !
कभी बीते दिनों की
खबर सुनाते, कभी
आते दिनों की
आहट देते !
यहाँ-वहाँ पल में
पहुंचाते सपने
माँ ....कौन देश से
आते है सपने ?
हंसाते- सपने
डराते-सपने
रुलाते सपने
विस्मय-विमुग्ध
मन को कर जाते
सपने !
15 टिप्पणियां:
सपना एक संभावना है। इसलिए,ज़रूरी है-चाहे वह अवचेतन मन से ही क्यों न देखा गया हो।
बाल मन की खूबसूरत जिज्ञासा
बहुत रोचक बाल जिज्ञासा...
सपने तो सपने होते हैं
कब होते ये अपने हैं
आंख खुली बिसुरे सपने
kismat waale hote hein
jinke poore hote sapne
nice poem
बहुत अनुपम ... संवाद ले रूप में लिखी बाल कवितायें अपना प्रभाव छोड़ती हैं हमेशा ...
बहुत सुन्दर बाल कविता |
अनुपम भाव संयोजन ।
बहुत खूब! कैसा सन्योग है, कभी मैने भी मिलता-जुलता कुछ लिखा था:
सपने कहाँ ले जाते हैं
सपने कहाँ से आते हैं
हक़ीक़त बनाते बस कभी
ख्याली पुलाव पकाते है
कभी सब कुछ लुटाते हैं
और कभी सर्वस्व पाते हैं
सपने मनमौजी होते हैं ...
vaah kitni tarotaja madhur muskaan bikherti rachna bachchon ke man ka kautuhal.
सपने ही जीवन के ताने-बाने बुनते हैं।
अच्छी कविता।
स्वप्न की क्लिष्ट दुनिया को बहुत सहज तरीके से अभिव्यक्ति दी है. बहुत सुंदर.
bahut saral-sunder.
bahut badhiya
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें.
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