दूर गगन के टिम-टिम तारे
मुझसे बोले ....
आओं परियों के देश चले !
चंदा बोला ...
चलो चले
बादलों में दौड़ लगायें !
फ़ूल बोले ....
बाग़ में आओं
संग हमारे खिलखिलाओ !
तितली बोली ....
क्यों न खेले
तुम-हम आँखमिचौली !
कोयल बोली ....
छोड़ो पढना
सुर-में-सुर मिलाकर गायें गाना
मौसम आया है सुहाना !
शुक्रवार, 15 जुलाई 2011
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