जैसे ...
आकाश की
पृष्ठभूमि पर
बादल
जैसे ...
सागर की
पृष्ठभूमि पर
लहर
वैसे ही
चेतना की
पृष्ठभूमि पर
विचार ...!
***
सुख के क्षण
सरपट दौड़ते है
दुःख के क्षण
काटे नहीं
कटते
लंगड़ा कर
चलते है
शायद इसे ही
समय सापेक्षता का
सिद्धांत कहते है ...!