भोर हुई
उठो जागो
सारे
नील गगन में
छुप गए
तारे !
पूर्व दिशा में
लाली छाई
जीवन रस
छलकाती उषा
आई !
गुलशन-गुलशन
फूल है खिले
पंछी भी चले
अंबर को छूने !
डाल-डाल पर
चिड़िया फुदक
रही है
ठंडी-ठंडी हवा भी
गा रही है !
पूजा घर में
मधुर आरती बोले
भोर हुई उठो
जागो सारे !