सुना है कि,
इश्वर ने मनुष्य को
जीवन के एक प्याले में
सुख भरकर दिया और
यह कहा कि, इसे पियो
और खुश रहो मस्त रहो
दुसरे प्याले में दुःख भरकर
दिया और यह कहा कि,
इसे पियो और जानो कि,
जीवन क्या है ?
और अक्सर मनुष्य
सुख पीते-पीते यह
भूल जाता है कि
इश्वर क़ी कही हुई
दूसरी बात को,
इसी कारण शायद
आरोपों के कटघरे में
खड़ा कर देता है
मनुष्य उसको ...
क्या पता इसीलिए
लापता रहता होगा वो
सजा के डर से .......!