इन दिनों
हमारे देश का
सारा चिंतन
प्याज से
होता हुआ
रुपये और चरित्र
पर आकर
अटक गया है
क्यों न हो
रुपये और चरित्र में
इन दिनों
भारी प्रतियोगिता
जो चल रही है
कि, कौन कितना
अधिक गिरता
है !