सोमवार, 20 फ़रवरी 2012

ख्याल कभी मेरे .......


ख्याल कभी मेरे ...
हो मौन कभी मुखर
चेतना से इंधन
डलवा कर ...
चमचमाती, कीमती 
मोटर, गाड़ियों की तरह 
राज पथ पर (हाई वे)
दौड़ते है, कभी खुद 
पगडंडी बन किसी गाँव 
क़स्बे में पहुँच जाते !
कभी फूल- से नाजुक 
तितलियों से चंचल 
फूल-फूल पर मंडरा कर 
पंख अपने रंग लेते !
कभी सूरज के प्रखर 
ताप से पिघल कर 
बाष्प बन हृदयाकाश में 
भाव की बदली बन 
छा जाते, बरस जाते 
 मन के आंगन में,
अनायास ही
गीत स्वयं बन जाते 
ख्याल मेरे कभी  ........!!

सोमवार, 6 फ़रवरी 2012

माँ कौन देश से आते है सपने ? ( बालकविता )


 माँ....
कौन देश से 
आते है सपने 
कौन देश चल 
देते है सपने !
सबके मन को 
भाते सपने 
मीठी नींद में 
आते सपने !
कभी चाँद-तारों की 
सैर कराते, कभी 
परियों के देश 
लिये जाते !
कभी बीते दिनों की 
खबर सुनाते, कभी
आते दिनों की 
आहट देते !
यहाँ-वहाँ पल में 
पहुंचाते सपने 
माँ ....कौन देश से 
आते है सपने ?
हंसाते- सपने 
डराते-सपने 
रुलाते सपने 
विस्मय-विमुग्ध 
मन को कर जाते 
सपने !