चिंताएँ सारी दूर हुई,
परीक्षाएँ भी समाप्त हुई 
पढ़-पढ़ कर इतना बोर हुई 
सिर-दर्द हुआ एजुकेशन 
कल से है हैप्पी वैकेशन !
किताबों ने दिमाग खाया 
टीचरों ने भी जान खायी 
भारी बस्तों से कमर झुकी 
विदा करेंगे सारा टेन्शन 
कल से है हैप्पी वैकेशन !
साथी-सहेलियों के गले मिलेंगे 
गिले-शिकवे सब दूर करेंगे 
आँखे थोड़ी-सी नम करेंगे 
मिल-जुलकर करेंगे सेलिब्रेशन 
कल से है हैप्पी वैकेशन !
तभी टीचर ने कहा अटेंशन 
बच्चों खाओ, खेलो मौज करो 
नाचों,  गाओ या सैर करो 
ढेर सारा होमवर्क देते हुये कहा ....
छुट्टियों में होमवर्क कंप्लीट करो !! 
 

7 टिप्पणियां:
वाह सुमन जी..............
बहुत प्यारी भोली भाली रचना.....
:-)
सादर.
सच में बच्चों को छुट्टी में भी इतना होम वर्क मिल जाता है की उनकी सारी मस्ती पर पानी फिर जाता है ...बहुत सुन्दर प्यारी सी कविता.
हा-हा-हा ...
यानी छुट्टियों में भी छुट्टी हो गई।
Pyari Rachna
छुट्टी ज्यादा कम स्कूल
खेलो-कूदो टेंशन भूल
होमवर्क को मारो गोली
भाव यही छुट्टी का मूल
वाह...!
बहुत बढ़िया!
सही है बच्चों का बोझा कुछ समय के लिए उतरा ...
एक टिप्पणी भेजें