सोमवार, 21 मई 2012

तितली रानी ......


तितली रानी, तितली रानी
कभी इस डाल पर, कभी उस डाल पर
कभी इस फूल पर, कभी उस फूल पर
उड़ती फिरती हो तुम फुलरानी !
हाथ लगाऊँ तो, पंख फट जाते है
डोर बांधु तो, पाँव टूट जाते है
नाजुक कितनी हो तुम शर्मीली !
दूर घर से तुम कब निकलती हो
कितने सारे रंग तुम बदलती हो
पल-पल छलती हो, तुम जादूगरनी !
तुम आती हो तो, फूल खिलते है
तुम आती हो तो, हम खुश होते है
सब के मन को मोहती हो, 
तुम मनमोहिनी....
तितली रानी, तितली रानी
उडती फिरती हो तुम फुलरानी !

16 टिप्‍पणियां:

रश्मि प्रभा... ने कहा…

तितली ने तो मन मोह लिया ...

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

मनमोहक रचना

Kunwar Kusumesh ने कहा…

.बेहतरीन.

कुमार राधारमण ने कहा…

हरी-भरी फुलवारी उजड़ी
दुनिया इतनी सिमटी सी
बच्चे दिखते नहीं बाग़ में
क्यों,सोचे अब तितली भी!

सदा ने कहा…

मनमोहक प्रस्‍तुति ... आभार ।

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

सुंदर सुंदर.......
अति सुंदर.................

सादर.

विभूति" ने कहा…

bhaut hi khubsurat rachna....

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

कितने सारे रंग तुम बदलती हो
पल-पल छलती हो, तुम जादूगरनी !
तुम आती हो तो, फूल खिलते है
तुम आती हो तो, हम खुश होते है
सब के मन को मोहती हो,
तुम मनमोहिनी....
तितली रानी, तितली रानी
तितली रानी ने तो मन मोह लिया बचपन याद आ गया पीछे पीछे जब हम सब को दौड़ती थी छकाती थी ...सुन्दर बाल रचना सुमन जी जय श्री राधे -भ्रमर ५

Asha Joglekar ने कहा…

कितनी सुंदर बाल कविता है । मराठी की, छान किती दिसते फुल पाखरू, कविता याद आ गई ।

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

pyari titli:)

मनोज कुमार ने कहा…

यह बाल गीत मन को भाया।

बेनामी ने कहा…

बहोत खूब

Hindi Dunia Blog (New Blog)

Naveen Mani Tripathi ने कहा…

bahut hi sundar balgeet likha hai apne bilkkul mn ko chho gaya

Dr.R.Ramkumar ने कहा…

सुन्दर भाव...

Bharat Bhushan ने कहा…

तितली पर लिखआ बाल गीत बन पड़ा है. शुभकामनाएँ.

Bharat Bhushan ने कहा…

तितली पर लिखा बाल गीत बन पड़ा है. शुभकामनाएँ.