कहाँ रहती हो
कविता तुम
कभी तनहाई में
बुलाने पर भी
नहीं आती,
कभी बिन बुलाये
आ जाती हो
भावों के नुपुर
पहन कर,
छमा-छम छमछम
बरस जाती हो
मेरे आँगन में
झमा-झम झमझम
बारिश की तरह !
स्वाद तृप्ति का
दे चातक मन
तृप्त कर देती हो
कविता तुम .... !
26 टिप्पणियां:
बहुत बढ़िया
सुन्दर प्रस्तुति १
क्या कहते हैं ये सपने ?
Happy Birth Day "Taaru "
कविता वो ख़ुश्बू का झोंका है जो वहीं आता है जहाँ मन के वातायन खुले होते हैं!! एक मासूम सी प्यारी सी रचना!
वाह .... कविता कुछ यूँ ही आती है ....
प्यारी सी रचना!
हर दुःख-सुख, ख़ुशी-गम में कब कविता आकर साथ निभाती चली जाय पता नहीं ....
बहुत सुन्दर कविता
बढ़िया लेखन व रचना , सुमन जी धन्यवाद !
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वाह सुमन जी कविता के बारे में क्या अनोखी कविता रची है आपने वाकई भावों की पायल पहन नाच उठी कविता छमा छम छम।
यही कविता है , मंगलकामनाएं आपको !
ये तो आपने शायद हर कवि के मन की बात कह दी है.
कविता का सीधा सम्बन्ध दिल से है ... उसे दिल से याद करो तो आ जाती है वरना दूर दूर से सताती है ...
बहुत सुन्दर और मन को छूती रचना ---
सादर ---
आग्रह है --
भीतर ही भीतर -------
कहाँ रहती हो कविता तुम, बुलाने पर नहीं आतीं
और अक्सर उदासी में, बुलाये बिन ही आती हो !
मंगलकामनाएं आपको !
प्यारी सी रचना...बहुत बढ़िया
एक लाजवाब एवं उत्कृष्ठ प्रस्तुति।
सुमन जी बहुत सुन्दर भाव ..एक सच..न जाने कब कविता आ जाती है कभी सोने नहीं देती कभी नहाने निराली है ..झमाझम सुहानी बारिश सी
जय श्री राधे
भ्रमर ५
बहुत सुंदर .बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें.
इस बार तो इस ब्लॉग पर सच में बहुत देर बाद आई है कविता ... पर पूरे जोबन के साथ आई है ...
बहुत लाजवाब रचना है ...
सच में कविता का स्वभाव ही ऐसा है...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
कविता के बारे में कविता. वाह!
मैं कविता कह रही हूँ आप लिखते रहिए ब्लॉग पर... यूँ न छोड़िये कविता को ..
Very Beautiful whatsapp awesome
कविता पर कविता ़़़ बहुत अच्छी रचना।
कविता पर कविता ़़़ बहुत अच्छी रचना।
बहुत सराहनीय रचना ।शुभ कामनाएं
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