शनिवार, 24 दिसंबर 2011

नववर्ष की पूर्व संध्या पर .........


नववर्ष की पूर्व संध्या पर 
दो हजार ग्यारह की 
कुछ इस प्रकार रही 
 प्रमुख खबरे !

जनलोकपाल का लेकर अभियान 
अनशन का महत्व समझाकर
देश विदेशों में छाये रहे 
अन्ना हजारे !

धरती पर कुनबा बढ़कर 
पार कर गया सात अरब 
चीन के बाद भारत का 
दूसरा नंबर !

१२१ करोड़ जनसंख्या वाले 
 देश में बहुत कुछ बेचा जा 
सकता है, मतलब उनका 
आर्थिक विकास !

जीवन भर सुख साधन जोड़ 
मिटी नहीं सत्ता की भूख 
किसी ने खाए जुते और 
किसी ने खाए थप्पड़ !

14 टिप्‍पणियां:

Kunwar Kusumesh ने कहा…

बहुत सटीक व्यंग.

रश्मि प्रभा... ने कहा…

saarthak kataksh

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

साल भर का लेखा जोखा कुछ पंक्तियों में समेट दिया ..अच्छा व्यंग

कुमार राधारमण ने कहा…

जमा नहीं.थोड़े और बेहतर की अपेक्षा थी.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

करार व्यंग ... सही लेखा जोखा है ...

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

वर्ष भर की खबरें समेट ली सुमन जी आपने तो:)

यशवन्त माथुर (Yashwant Raj Bali Mathur) ने कहा…

बेहतरीन!



सादर

यशवन्त माथुर (Yashwant Raj Bali Mathur) ने कहा…

कल 27/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

Nidhi ने कहा…

साल भर की बातें समेट कर करारा व्यंग्य करने से नहीं चूके ,आप

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

सुन्दर कटाक्ष.... सार्थक रचना...
सादर बधाई...

Bharat Bhushan ने कहा…

आपको और परिवारजनों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.

dinesh aggarwal ने कहा…

सुन्दर,सार्थक एवं सटीक व्यंग्य।

संजय भास्‍कर ने कहा…

नव वर्ष पर सार्थक रचना
नववर्ष की आपको बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.

शुभकामनओं के साथ
संजय भास्कर
http://sanjaybhaskar.blogspot.com

Asha Joglekar ने कहा…

वर्ष का लेखा जोखा ।