मित्र ,
रंगबिरंगी चित्र
विचित्र पुस्तके
न हम उनकी
अपेक्षाओं पर
खरे उतरते है
न वो हमारी
तो फिर
मित्र कौन है ?
अच्छी पुस्तके
सबसे सच्चे मित्र
जब जी चाहे
शेल्फ से निकालो
पढ़ो रख दो !
मित्र कहाँ पढने देते है
हर वो जरुरी पन्ना
जब हम पढना
चाहते है … !!
10 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर.पुस्तक सबसे अच्छे मित्र हैं.
शायद इसीलिये पुस्तकों को सबसे अच्छा मित्र कहा गया है, शुभकामनाएं.
रामराम.
किताबें ही सबसे अच्छा मित्र हैं ... एकाकी जीवन के साथी ... लाजवाब ...
पुस्तक से अच्छा कोई दोस्त नहीं...
जी.... बिलकुल सही
किताबों की दोस्ती और सोहबत से गुलज़ार साहब की एक और नज़्म याद आ रही है..
"ज़ुबाँ से ज़ायका जाता नहीं सफहे बदलने का.."
इण्टरनेट ने उन शेल्फ की जगह विंडोज़ ला खड़ा किया है और अब ई-बुक.. किताबें कितना घुटती होंगी!!
रही बात दोस्तों की, तो
दोस्ती जब किसी से की जाए,
दुश्मनों की भी राय ली जाए!! :)
आसान शब्दों में अच्छी सीख!!
कोई संदेह नहीं पुस्तक सबसे सच्चे मित्र
सही है , वैसे क्यों पढने दें ??
मंगलकामनाएं !!
बहुत खूब आदरणीया .................
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